राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए संदर्श वर्ष 2021 की क्षेत्रीय योजना तैयार की है, जिसे 17.09.2005 को अधिसूचित किया गया था।
एनसीआर के लिए क्षेत्रीय योजना-2021 में अधिवास-प्रणालियों, आर्थिक गतिविधियों, परिवहन, दूरसंचार, क्षेत्रीय भूमि उपयोग, अवसरंचना सुविधाओं जैसे विद्युत और भूमि, सामाजिक अवसंरचना, पर्यावरण, विपदा प्रबंधन, विरासत एवं पर्यटन से संबंधित परस्पर-संबंधित नीति ढांचा के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए तथा अच्छी कृषि भूमि के संरक्षण और सुरक्षा के लिए युक्तियुक्त क्षेत्रीय भूमि उपयोग प्रतिदर्श, पर्यावरणीय संवेदी क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों के लिए अनुत्पादक भूमि का उपयोग करने के लिए शहरी और ग्रामीण अधिवासों के सतत विकास के लिए एक मॉडल उपलब्ध कराता है।
एनसीआर के लिए क्षेत्रीय योजना-2021 में तीव्र गति से शहर के स्वरुप में परिवर्तित होते जा रहे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विविध प्रकार के विलुप्त होते जा रहे प्राकृतिक संसाधनों जैसे भूमि, जल, वन, वन्य जीव-जंतुओं और वनस्पतियों, दोनों दृष्टियों से जैव-विविधिता के संबंध में अत्यधिक चिंता व्यक्त की गई है। वर्तमान में हो रहे तेजी से विकास और शहरीकरण को देखते हुए और विद्यमान भूमि पर एसईजैड जैसे आर्थिक विकास के दृष्टिकोण में हो रहे परिवर्तन के समक्ष जोखिमपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस स्थिति का कारण न केवल बेतरतीब ढंग से हुए अव्यवस्थित विकास, अनधिकृत निर्माण, अतिक्रमण के परिणामस्वरुप अस्तित्व में आयी दुर्दशापूर्ण मलिन बस्तियों और झुग्गी-झोपडी क्षेत्र हैं बल्कि इस क्षेत्र के केन्द्र बिन्दू में असंतुलित विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए क्षेत्र का असंतुलित ढंग से विकास करना है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय योजना-2021 में विनिर्दिष्ट नीतियों के अनुपालन में और ग्रामीण-शहरी क्षेत्र के अविच्छिन्न संबंध पर ध्यान केन्द्रित करते हुए अच्छी कृषि भूमि को अनियमित रुप से गैर कृषि उपयोगों में परिवर्तन से बचाने और क्षेत्र के संतुलित विकास की दृष्टि से शहरी बस्तियों और इसके साथ-साथ ग्रामीण बस्तियों दोनों के लिए अलग-अलग स्तर पर विभिन्न योजनाओं को पहले से ही तैयार करने की अत्यंत आवश्यकता है। |
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इसके अलावा, एनसीआर का संतुलित विकास करने के लिए, यह भी अपेक्षित है कि आश्रय, जल, सीवरेज, सीवेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, अपवहन, विद्युत, परिवहन आदि जैसी आवश्यक सेवाएं/महत्वूपर्ण अवसंरचना उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न प्रस्तावों/कार्य-नीतियों/परियोजनाओं का संघटक राज्य सरकारों, केन्द्रीय मंत्रालयों और उनके संबंधित विभागों/अभिकरणों द्वारा समयबद्ध रुप से कार्यान्वयन भी किया जाए। इसके अलावा, जल और विद्युत की उपलब्धता में सुधार करने और इसमें संवृद्धि के लिए संबंधित अभिकरणों द्वारा नवीन दृष्टिकोण और नव-प्रवर्तनीय प्रविधियों को अपनाना अपेक्षित है। भू-जल पुनर्भरण और जल संचयन को भवन निर्माण उप-विधियों में जोडे जाना अपेक्षित है और जल पुनर्भरण क्षेत्रों के संरक्षण के लिए संघटक राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न नगर योजना अधिनियमों में संशोधन करना भी अपेक्षित है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय योजना-2021 की विभिन्न नीतियों और प्रस्तावों का कार्यान्वयन विभिन्न विभागों/अभिकरणों के माध्यम से समयबद्ध रुप से संघटक राज्य सरकारों और केन्द्रीय मंत्रालयों द्वारा करना आवश्यक होगा। |