कार्यादेश
1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड अधिनियम, 1985 की धारा 7 में एनसीआरपीबी के कार्य विनिर्दिष्ट हैं। धारा 7(ड़) के अनुसार, एनसीआरपीबी के कार्यों में से एक कार्य केन्द्रीय और राज्य योजना निधियों और राजस्व के अन्य स्रोतों के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चुनी विकास परियोजनाओं के वित्तीयन के लिए व्यवस्था करना और निगरानी करना है। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड अधिनियम, 1985 की धारा 8(ड) के अनुसार, बोर्ड समाविष्ट योजनाओं का चयन कर सकता है और उनका अनुमोदन कर सकता हैतथा इन योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए सहायता उपलब्ध करा सकता है।
2. उपर्युक्त धाराओं के प्रावधानों के अंतर्गत क्षेत्र के संतुलित विकास को प्राप्त करने के ओवरआर्चिंग लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और काउंटर मैग्नेट क्षेत्रों के भीतर राज्य के सरकारी अभिकरणों द्वारा तैयार और प्रस्तुत की गई विभिन्न परियोजनाओं के लिए बोर्ड सुलभ ऋण उपलब्ध कराता रहा है। इन परियोजनाओं के अंतर्गत मूलभूत अवसंरचना विकास, सीवरेज, जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल आपूर्ति, विद्युत, परिवहन, सामाजिक अवसंरचना जैसे अस्पताल और अन्य के व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया गया है। एनसीआर योजना बोर्ड द्वारा उपलब्ध करायी गई ऋण सहायता की पद्धति 25: 75 है; 25% ऋणदायी अभिकरणों का योगदान होता है और परियोजना लागत का अधिकतम 75% एनसीआर योजना बोर्ड से लिया गया ऋण होता है। इस समय बोर्ड 10 वर्ष की कालावधि के लिए दीर्घावधि ऋण उपलब्ध कराता है। मूल राशि के भुगतान के लिए दो वर्ष की ऋणस्थगन अवधि है और ऋण पर ब्याज की दर संवितरण के समय विद्यमान ब्याज की दर होती है। जल आपूर्ति एवं सैनिटेशन क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए, ऋण की अवधि 15 वर्ष होती है और 3 वर्ष की ऋण-स्थगन अवधि होती है।
जल एवं सैनिटेशन परियोजनाओं के लिए परियोजना लागत के 15% तक की
अनुदान सुविधा भी इस शर्त के साथ उपलब्ध है कि विनिर्दिष्ट समय और लागत के भीतर ईएसएमएस अपेक्षाओं और विनिर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार निष्पादन का अनुपालन किया जाएगा।
स्वीकृति की प्रक्रिया और प्रविधि
3. एनसीआर योजना बोर्ड द्वारा वित्त पोषित अवसंरचना विकास परियोजनाएं घटक राज्यों और एनसीटी दिल्ली द्वारा और उनके विकास प्राधिकरणों, शहरी स्थानीय निकायों और पैरास्टाटलों द्वारा प्रस्तुत की जाती हैं। कार्यान्वयन/निष्पादन अभिकरणों द्वारा प्रस्तुत परियोजना रिपोर्टों की जांच यह सुनिश्चित करने के लिए की जाती है कि ये संबंधित राज्यों के एनसीआर प्रकोष्ठों की क्षेत्रीय योजना नीतियों/कार्यक्रमों के अनुरुप हैं और एनसीआरपीबी के कार्यालय में भी इनकी जांच की जाती है। निम्नलिखित पैरामीटरों पर बाह्य विशेषज्ञों की सहायता से डीपीआर का भी मूल्यांकन किया जाता है:
- तकनीकी व्यावहार्यता
- संरचनात्मक अभिकल्प की गुणवत्ता
- लागत अनुमानों और आर्थिक समर्थता की उपयुक्तता
- पर्यावरण पर प्रभाव
- पुनर्वास और सांविधिक अनुपालन
4.इस प्रयोजन के लिए, एनसीआरपीबी ने विभिन्न अवसंरचनात्मक क्षेत्रों में विस्तृत परियोजना रिपोर्टों के मूल्यांकन के लिए बाह्य व्यावसायिक राष्ट्रीय स्तरीय संस्थानों के साथ बोर्ड के परामर्शदाता के रुप में करार किया है। क्षेत्रवार परामर्शदाता नीचे दिए गए हैं, जो किसी परियोजना की तकनीकी और वित्तीय समर्थता के संबंध में परामर्श देने में साझीदार हैं:
क्रं.सं. |
अवसंरचना उप-क्षेत्र |
पैनल में सम्मिलित राष्ट्र स्तरीय संस्थान |
I |
जल उप-क्षेत्र। बल्क जल आपूर्ति, जल वितरण, जल संरक्षण |
- इंजीनियर्स इंडिया लि.
- वाटर एंड पावर कंसल्टेंट्स
नेशनल एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग इंस्टीच्यूट |
II |
सैनिटेशन, बहि:स्राव, एलसीएस, जल निकासी और ठोस अपशिष्ट निपटान। सीवेज उपचार संयंत्र, सीवेज लाइन, वर्षा जल अपवहन, निम्न लागत स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट निपटान |
- इंजीनियर्स इंडिया लि.
- वाटर एंड पावर कंसल्टेंट्स
- नेशनल एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग इंस्टीच्यूट
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III |
परिवहन। परिवहन सुविधाएं, सडकें, आरओबी, फ्लाईओवर, बाईपास |
- इंजीनियर्स इंडिया लि.
- केन्द्रीय सडक अनुसंधान केन्द्र
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IV |
विद्युत क्षेत्र |
- इंजीनियर्स इंडिया लि.
- वाटर एंड पावर कंसल्टेंट्स
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V |
भूमि विकास एवं आवासीय परियोजनाएं |
- इंजीनियर्स इंडिया लि.
- नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी
- होस्पीटल सर्विसिस कंसल्टेंसी कंपनी
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V. |
सामाजिक अवसरंचनाएं औषधालय, अस्पताल, स्कूल और कालेज। स्थलों में स्लम पुनर्वास और पुनर्स्थापना योजनाएं क्रीडा अवसंरचना
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- नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी
- होस्पीटल सर्विसिस कंसल्टेंसी कंपनी
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5.उपर्युक्त संस्थानों द्वारा प्रारंभ किए गए मूल्यांकन प्रक्रिया के अंतर्गत सामान्यतया निम्नलिखित पहलुओं की जांच की जाती है:
- सेवा और जन उपयोगिता के संदर्भ में परियोजनाएं नगर/क्षेत्र के वर्तमान और भावी जरुरतों को पूरा करती हैं
- तकनीकी पैरामीटरों की विशिष्टियां सुदृढ, वास्तविक और तकनीकी दृष्टि से व्यावहार्य हैं
- संबंधित राज्यों की विशिष्ट परियोजनाओं के लिए नवीनतम पीडब्ल्यूडी/ सीपीडब्ल्यूडी कामन दर अनुसूची (सीएसआर) अथवा विभिन्न केन्द्रीय/राज्य नियामक प्राधिकरणों द्वारा विनिर्दिष्ट की गई अनुसूचीय दरों के अनुसार लागत अनुमान तैयार किए गए हैं और ये उपयुक्त हैं।
- पूरी परियोजना वित्तीय दृष्टि से सक्षम है
- रिपोर्ट में दी गई कार्यान्वयन अनुसूची के अनुसार परियोजना का निष्पादन करने के लिए कार्यान्वयन अभिकरण की संगठनात्मक क्षमता सुदृढ है, और
- किसी प्रतिकूल प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए पर्यावरणीय प्रभाव और सामाजिक सुरक्षा, यदि कोई हो, पर ध्यान दिया जा रहा है। डीपीआर में शमन उपायों के साथ सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों का समाधान किया जाना चाहिए। गरीब लोगों और असहाय लोगों जिसमें वे लोग भी शामिल हैं, जिनका पुनर्वास किया जाना है, को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की ओर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
6.मूल्यांकन प्रक्रिया एक अतं:क्रिया है (ऋण के लिए अनुरोध करने वाली कार्यान्वयन अभिकरणों, एनसीआरपीबी अधिकारियों, परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का मूल्यांकन करने वाले राष्ट्रीय संस्थानों के बीच), जिससे डीपीआर के छूट गए अंतर को पूरा करना और संशोधन करना आसान हो जाता है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के पश्चात, परामर्शदाता एनसीपीआरबी को मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
7.राष्ट्रीय संस्थानों से अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त होने पर, बोर्ड के परियोजना स्वीकरण और निगरानी समूह (पीएसएमजी) में परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया जाता है। एनसीपीआरबी के बोर्ड द्वारा परियोजनाओं से संबंधित ऋण आहरण अनुसूची के अनुसार किश्ते जारी करने सहित ऋण मंजूर करने के लिए पीएसएमजी को शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हैं।
संवितरण प्रक्रिया
8.पीएसएमजी बैठक में परियोजना को मंजूर करने के पश्चात विभिन्न दस्तावेज, जैसेकि ऋण करार, प्रत्याभूति दस्तावेज अर्थात राज्य सरकार की गारंटी, बैंक गारंटी और एस्क्रो करार एवं राज्य सरकार/बैंक गारंटी के एवज में सम्पत्ति को गिरवी रखने से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने पर ऋण जारी किए जाते हैं। राज्य सरकार को ऋण प्रदान करने के मामले में, ऋण और उनके द्वारा अंतिम किस्त के भुगतान होने तक प्रत्येक वर्ष उस पर ब्याज की किश्त के भुगतान के संबंध में पर्याप्त बजट आबंटन के प्रावधान के संबंध में एक घोषणा प्राप्त की जाती है।
9.ऋणों का संवितरण, पूरी परियोजना अवधि के दौरान, अग्रिम भुगतान के रुप में किया जाता है। ऋण करार और प्रतिभूति दस्तावेज पर हस्ताक्षर के तुरन्त बाद प्रथम किश्त का अग्रिम प्रदान किया जाता है। इसके बाद प्रदान किए जाने वाले ऋण अग्रिम डीपीआर में किए गए अनुमानों के आधार पर और गत किश्त के लिए ‘समुपयोजन प्रमाण-पत्र’ प्राप्त होने पर ही प्रदान किया जाता है। ऋण के प्रत्येक अंश को एक अलग ऋण माना जाता है और इसलिए, पीएसएमजी का अनुमोदन प्राप्त किया जाता है और प्रत्येक अंश के लिए अलग से करार किया जाता है। एनसीआरपीबी मासिक/तिमाही प्रगति रिपोर्ट के माध्यम से और अनुवर्ती किश्ते जारी करने से पूर्व संबंधित स्थलों का दौरा करके परियोजनाओं की प्रगति पर निगरानी रखता है। एनसीपीआरबी परियोजना के पूरा होने पर कार्यान्वयन अभिकरणों से परियोजना पूरी होने के संबंध में प्रमाण पत्र प्राप्त करता है और पूरी हो गई परियोजनाओं के संबंध में किए गए कार्यों और किए गए व्ययों का अंतिम सत्यापन करता है।
बोर्ड के परियोजना स्वीकरण एवं निगरानी समूहों का गठन
बोर्ड द्वारा निधियन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित योजनाओं के प्रति अलग-अलग परियोजनाओं की पहचान करने के लिए बोर्ड के परियोजना स्वीकरण एवं निगरानी समूहों (पीएसएमजी) का गठन किया गया है ताकि इनके लिए किश्तें जारी की जा सकें और परियोजनाओं की प्रगति की सतत रुप से समीक्षा की जा सके। बोर्ड के कार्य, शक्तियों और कर्त्तव्यों का प्रत्यायोजन इस समूह को किया गया है।
पीएसएमजी-1 |
गजट अधिसूचना |
के-14011/13/85-एनसीआरपीबी दिनांक 8.7.1985 |
गठन |
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सचिव |
शहरी विकास मंत्रालय |
अध्यक्ष |
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वित्तीय सलाहकार |
शहरी विकास मंत्रालय (सचिव (व्यय) के स्थान पर), 20.11.1985 को आयोजित बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार |
सदस्य |
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सलाहकार |
योजना आयोग अथवा उनका प्रतिनिधि |
सदस्य |
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संयुक्त सचिव |
शहरी विकास मंत्रालय में एनसीआर के प्रभारी |
सदस्य |
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सचिव |
एनसीआर राज्यों और दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के प्रभारी |
सदस्य |
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मुख्य आयोजक |
टीसीपीओ, नई दिल्ली |
सदस्य |
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सदस्य सचिव |
एनसीआर योजना बोर्ड |
संयोजक |
शक्तियां |
परियोजना मंजूर करने के लिए |
रु. 5 करोड से अधिक की अनुमानित लागत वाली परियोजनाएं |
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बोर्ड की ओर से सर्वेक्षण और अध्ययन प्रारंभ करने के लिए |
रु. 20 लाख से अधिक (24.05.2006 को आयोजित बोर्ड की 29वीं बैठक के निर्णय के अनुसार संशोधित) |
पीएसएमजी-2 |
गजट अधिसूचना |
के-14011/13/85-एनसीआरपीबी दिनांक 27.2.1997 |
गठन |
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सदस्य सचिव |
एनसीआर योजना बोर्ड |
अध्यक्ष |
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संयुक्त सचिव (वित्त) |
शहरी विकास मंत्रालय अथवा उनका प्रतिनिधि |
सदस्य |
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प्रतिनिधि |
शहरी विकास मंत्रालय |
सदस्य |
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प्रतिनिधि |
योजना आयोग |
सदस्य |
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सचिव |
एनसीआर राज्यों और दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के प्रभारी |
सदस्य |
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संयुक्त निदेशक (पीएमसी) |
एनसीआर योजना बोर्ड |
संयोजक |
शक्तियां |
परियोजना मंजूर करने के लिए |
रु. 5 करोड तक की अनुमानित लागत वाली परियोजनाएं |
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बोर्ड की ओर से सर्वेक्षण और अध्ययन प्रारंभ करने के लिए |
रु. 20 लाख तक (24.05.2006 को आयोजित बोर्ड की 29वीं बैठक के निर्णय के अनुसार संशोधित) |
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