परिप्रेक्ष्यगत वर्ष 2021 के साथ क्षेत्रीय योजना तैयार करने के लिए केन्द्रीय शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन मंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 12.07.2000 को आयोजित बोर्ड की 25वीं बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसरण में, कार्यालय ज्ञापन संख्या के-14011/2001/डीडीआईबी दिनांक 18.01.2001 के द्वारा एक उच्च स्तरीय समूह का गठन किया गया था। तदुपरांत विभिन्न सरकारी अभिकरणों के विशेषज्ञों, गैर सरकारी और वरिष्ठ अधिकारियों को सदस्य के रुप में सम्मिलित करते हुए उच्च स्तरीय समूह द्वारा आठ अध्ययन समूहों का गठन किया गया था। ये अध्ययन समूह निम्नलिखित पहलूओं से संबंधित थे:
- एनसीआर नीति जोन, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल और आवास पद्धति।
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क्षेत्रीय भूमि उपयोग और ग्रामीण विकास।
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परिवहन और दूर-संचार सहित भौतिक अवसंरचना।
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जनोपयोगी और सेवा अवसंरचना जिसमें विद्युत, जल, सीवरेज, ठोस अपशिष्ट, अपवहन, सिचांई आदि शामिल हैं।
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सामाजिक अवसंरचना जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आश्रय, मनोरंजन, कानून-व्यवस्था आदि शामिल हैं।
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पर्यावरण जिसमें पर्यटन, धरोहर, प्रदूषण, आपदा प्रबंधन आदि शामिल हैं।
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संस्थागत ढांचा।
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आर्थिक एवं वित्तीय नीति समूह, जिसमें संसाधन दोहन, निधीयन आदि शामिल हैं।
इन अध्ययन समूहों ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी, जिन पर जनवरी 2002 में आयोजित एक दो दिवसीय सेमीनार, जिसमें योजना समिति, उच्च स्तरीय समूह के सदस्यों, क्षेत्र के विकास प्राधिकरणों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, में चर्चा की गई थी और विचार-विमर्श किया गया। इन अध्ययन समूहों के अध्यक्षों द्वारा अपनी रिपोर्टें प्रस्तुत कर दी गई थीं।
अध्ययन समूहों की सिफारिशों और आयोजित की गई सेमिनार में विचार-विमर्शों के आधार पर क्षेत्रीय योजना की रणनीति बनाने और बेहतर कार्यान्वयन के लिए क्षेत्रीय योजना-2021 की प्रक्रिया में चरणबद्धता और कार्य योजनाओं को लागू करने के लिए एक कार्यकारी समूह का गठन किया गया। इस कार्यकारी समूह की सिफारिशों पर 29 सितम्बर 2003 को आयोजित योजना समिति की बैठक में चर्चा की गई। उक्त बैठक में दिए गए सुझावों और लिए गए निर्णयों के आधार पर क्षेत्रीय योजना – 2021 का प्रारूप तैयार किया गया।
क्षेत्रीय योजना – 2021 के प्रारूप पर 16.01.2004 को आयोजित बोर्ड की 26वीं बैठक में इसे प्रकाशित करने के लिए विचार किया गया ताकि एनसीआरपीबी अधिनियम 1985 की धारा 12 के अन्तर्गत आपत्तियां/सुझाव आमंत्रित किए जा सकें। बोर्ड ने घटक राज्यो के सुझाव/टिप्पणियां मांगने का निर्देश दिया। तदनुसार, उनसे सुझाव/टिप्पणियां आमंत्रित की गईं थीं। प्राप्त हुए इन सुझावों/टिप्पणियों की जांच की गई और इन्हें 28.10.2004 को आयोजित की गई बोर्ड की 27वीं बैठक में बोर्ड के सम्मुख रखा गया। बोर्ड ने एनसीआरपीबी अधिनियम 1985 की धारा 12 अन्तर्गत आपत्तियां/सुझाव आमंत्रित करने के लिए क्षेत्रीय योजना प्रारुप-2021 का अनुमोदन कर दिया। फलस्वरूप, प्रारूप क्षेत्रीय योजना - 2021 को 27.12.2004 को प्रकाशित किया गया और जनसाधारण, केन्द्र और राज्य सरकारों तथा स्थानीय निकायों से योजना के विभिन्न पहलुओं पर आपत्तियां/सुझाव आमंत्रित किए गए। आपत्तियों/सुझावों की भली-भांति जांच करने और विचार करने के पश्चात योजना समिति ने 05.05.2005 को आयोजित अपनी 53वीं बैठक में बोर्ड को अपनी सिफारिशें भेजी। बोर्ड ने 09.07.2005 को आयोजित अपनी 28वीं बैठक में इन सिफारिशों पर चर्चा की और योजना में इन सिफारिशों को शामिल करने का अनुमोदन किया। बोर्ड ने एनसीआरपीबी अधिनियम 1985 की धारा 13 तथा एनसीआरपीबी नियम, 1985 के नियम 27 के अन्तर्गत प्रकाशित करने और अधिसूचित करने के लिए भी अनुमोदन किया। |