प्रमुख परिवहन परियोजना

दिल्ली के लिए परिधीय एक्सप्रेस-वे पर टिप्पण

  • दिल्ली में पांच राष्ट्रीय राजमार्ग मिलते हैं। इन राजमार्गों से ऐसे वाहन भी गुजरते हैं जिसका गन्तव्य दिल्ली नहीं होता है परन्तु बाई-पास उपलब्ध न होने के कारण ऐसे वाहनों को दिल्ली से गुजरना पड़ता है। इससे शहर में भीड़-भाड़ और प्रदूषण बढ़ जाता है।
  • तदनुसार दिल्ली के आस-पास एक्सप्रेस-वे की आवश्यकता को अनुभव किया गया। दो एक्सप्रेस-वे विचाराधीन हैं।
  • एक एक्सप्रेस-वे दिल्ली के पश्चिमी ओर है। यह केवल हरियाणा से गुजरता है। इसे पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेस-वे के नाम से जाना जाएगा। यह संयोजन कुंडली में एनएच-1 से प्रारंभ होगा और मानेसर से होता हुआ एनएच-8 और एनएच-10 के साथ जुड़ते हुए पलवल में एनएच-2 से मिलेगा।
  • लम्बाई-135 किमी.

लागत

  1. निर्माण लागत - 1200 करोड़ रूपये
  2. भूमि अधिग्रहण लागत - 167 करोड़ रूपये
  3. कुल परियोजना लागत - 1367 करोड़ रूपये

यह परियोजना हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम (एचएसआईडीसी) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।

  • दूसरा एक्सप्रेस-वे दिल्ली के पूर्वी ओर है। यह हरियाणा और उत्तर प्रदेश से गुजरता है। इसे पूर्वी परिधीय एक्सप्रेस-वे के नाम से जाना जाएगा। यह संयोजन कुंडली से प्रारंभ होगा और गाजियाबाद और नोएडा एनएच-24 से होता हुआ फरीदाबाद में एनएच-2 से मिलेगा।
  • लम्बाई-105 किमी.

लागत

    I. निर्माण लागत - 1612.6 करोड़ रूपये

    II. भूमि अधिग्रहण लागत - 677.4 करोड़ रूपये

    III.कुल परियोजना लागत - 2290 करोड़ रूपये

यह परियोजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।

  • उपर्युक्‍त परियोजनाओं के निधीयन के लिए निम्नलिखित व्यवस्था की गई है
मदराशि (करोड़ रूपये)
क) परियोजना की लागत3657
ख) अनुमानित व्यवहार्यता अन्तर। व्यवहार्यता अन्तर को पूरा करने के लिए, इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग की मौजूदा स्कीम के अन्तर्गत निधीयन के लिए दर्शाया जा सकता है।1125
ग) 30 वर्षों की रियायत अवधि के लिए रियायती अंशदान 1688
घ) अन्तर {(क)-(ख)-(ग)}844
  • सर्वोच्‍च न्यायलय के दिशा-निर्देशों पर व्यवहार्यता अन्तर को निम्नलिखित तरीके से पूरा किया जाना है।
मदराशि (करोड़ रूपये)
क) अन्तर 844
ख) दिल्ली का अंशदान (50%)422
ग) हरियाणा का अंशदान (25%) )211
घ) उत्तर प्रदेश का अंशदान (25%))211
  • सभी संबंधित राज्य सरकारों ने उपर्युक्त निधीयन व्यवस्था को स्वीकार कर लिया है और तदनुसार कार्रवाई की जा रही है।
  • हाल ही में, हरियाणा सरकार द्वारा यह सूचित किया गया था कि पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे (केएमपी एक्सप्रेसवे) के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत बढ़कर 630 करोड़ रूपये हो गई है।