दिल्ली के लिए परिधीय एक्सप्रेस-वे पर टिप्पण
- तदनुसार दिल्ली के आस-पास एक्सप्रेस-वे की आवश्यकता को अनुभव किया गया। दो एक्सप्रेस-वे विचाराधीन हैं।
- एक एक्सप्रेस-वे दिल्ली के पश्चिमी ओर है। यह केवल हरियाणा से गुजरता है। इसे पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेस-वे के नाम से जाना जाएगा। यह संयोजन कुंडली में एनएच-1 से प्रारंभ होगा और मानेसर से होता हुआ एनएच-8 और एनएच-10 के साथ जुड़ते हुए पलवल में एनएच-2 से मिलेगा।
लागत
- निर्माण लागत - 1200 करोड़ रूपये
- भूमि अधिग्रहण लागत - 167 करोड़ रूपये
- कुल परियोजना लागत - 1367 करोड़ रूपये
यह परियोजना हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम (एचएसआईडीसी) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।
लागत
I. निर्माण लागत - 1612.6 करोड़ रूपये
II. भूमि अधिग्रहण लागत - 677.4 करोड़ रूपये
III.कुल परियोजना लागत - 2290 करोड़ रूपये
यह परियोजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।
- उपर्युक्त परियोजनाओं के निधीयन के लिए निम्नलिखित व्यवस्था की गई है
मद | राशि (करोड़ रूपये) |
क) परियोजना की लागत | 3657 |
ख) अनुमानित व्यवहार्यता अन्तर। व्यवहार्यता अन्तर को पूरा करने के लिए, इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग की मौजूदा स्कीम के अन्तर्गत निधीयन के लिए दर्शाया जा सकता है। | 1125 |
ग) 30 वर्षों की रियायत अवधि के लिए रियायती अंशदान | 1688 |
घ) अन्तर {(क)-(ख)-(ग)} | 844 |
- सर्वोच्च न्यायलय के दिशा-निर्देशों पर व्यवहार्यता अन्तर को निम्नलिखित तरीके से पूरा किया जाना है।
मद | राशि (करोड़ रूपये) |
क) अन्तर |
844 |
ख) दिल्ली का अंशदान (50%) | 422 |
ग) हरियाणा का अंशदान (25%) ) | 211 |
घ) उत्तर प्रदेश का अंशदान (25%)) | 211 |
- सभी संबंधित राज्य सरकारों ने उपर्युक्त निधीयन व्यवस्था को स्वीकार कर लिया है और तदनुसार कार्रवाई की जा रही है।
- हाल ही में, हरियाणा सरकार द्वारा यह सूचित किया गया था कि पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे (केएमपी एक्सप्रेसवे) के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत बढ़कर 630 करोड़ रूपये हो गई है।
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